हमारे जो साथी बेंगलूरु में इंडिया इंक्लूजन समिट (IIS) का हिस्सा बनते रहे हैं, उनके लिए इसकी टैगलाइन "एवरीबडी इज गुड एट समथिंग" किसी पुरानी, लेकिन मन को सुकून और ताज़गी देने वाली धुन जैसी है। कुछ उसी तरह जैसे का हमारा ये "इन्क्लूजन ट्री", जिसकी अलग अलग शाखाओं में अलग अलग रंग के पक्षी एक साथ रहते हैं। ये स्लोगन IIS का बुनियादी मकसद है, जिसे हमने शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों की विशेषताओं को पूरी दुनिया तक पहुँचाने के लिए चुना है। जबकि ये विशाल पेड़ विभिन्नताओं को उनके समूचे वजूद और ख़ासियत के साथ ख़ुद में समाहित कर लेने का प्रतीक हैं, IIS इंडिया इन्क्लूज़न फ़ाउंडेशन (IIF) के समर्पित एवं जुनूनी वॉलन्टियर्स की मेहनत और लगन का नतीजा है, जो एक ऐसे समावेशी और सबको साथ लेकर चलने वाले भारत के लिए प्रयासरत हैं। एक ऐसा भारत जहाँ हर किसी के पास बराबरी के मौक़े हों, सफ़र में कोई भी पीछे न रह जाए...
कहानियाँ जिनका इंतज़ार है
अमन कुमार महतो
झारखंड
सोहखोटिनलेन हाओकिप
मणिपुर
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