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“यह एक बिल्कुल नया साई है एक नई खोज के साथ। लेकिन मैं दूसरों को हिम्मत देता रहूँगा”

आपको लग सकता है कि 34 वर्षीय डॉ. साई कौस्तुव के बारे में आप कुछ भी नया नहीं कह सकते। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विकलांगता अधिवक्ता, वैश्विक प्रेरक वक्ता, सद्भावना राजदूत, प्रमाणित हैप्पीनेस कोच... अगर हम उनकी सभी प्रसिद्ध उपलब्धियों को सूचीबद्ध करें तो हमारे पास जगह कम पद जाएगी।
 
लेकिन संयोग से, ईजीएस ने उनसे उसी दिन संपर्क किया जिस दिन उन्हें और उनके परिवार के सामने एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उन्हें अभी-अभी एक मेडिकल टेस्ट के नतीजे मिले थे, जिससे यह साबित हुआ कि उन्हें दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा (OI, जिसे भंगुर हड्डी रोग भी कहा जाता है) नहीं है, जो वे अपने पूरे जीवन मानते आए हैं!
 
कौस्तुव, कौशिक और शिला दाशगुप्ता की पहली संतान थे, जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में रहते थे। साढ़े तीन महीने की उम्र में उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था और जब वे 18 महीने के हुए तो उन्हें तीन और फ्रैक्चर हो गए थे। दाशगुप्ता ने साई को कोलकाता ले जाने का फैसला किया, जहाँ बेहतर चिकित्सा सुविधाएं थीं। डॉक्टरों ने उनका पूरा परीक्षण किए बिना ही उन्हें OI  से पीड़ित बताया। 2001 में उनके दोनों पैर टूट गए। प्लास्टर की टूटी पट्टी के कारण उनके दोनों घुटने आपस में जुड़ गए और वे चलने में असमर्थ हो गए।
 
अपने जीवन के अधिकांश समय में वे असहनीय दर्द के साथ जी रहे हैं। जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा, तो उनके माता-पिता पुट्टपर्थी चले गए, जहाँ विशेष अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें राहत देने का वादा किया। परिवार 18 साल तक वहाँ रहा, लेकिन इलाज असफल रहा। कौशिक, एक अनुभवी फोटो जर्नलिस्ट, सरकारी नौकरी की तलाश करने के बजाय पुट्टपर्थी के संग्रहालय में सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि देखभाल की ज़िम्मेदारियों में उन्हें शिला की मदद करनी होगी, जिन्होंने अपना पढ़ाने का पेशा छोड़ दिया था। साई याद करते हैं, 2004 में शिला, जिन्होंने अंकशास्त्र का अध्ययन किया था, ने कौस्तुव के नाम में ‘साई’ जोड़ दिया। “उन्होंने कहा कि ‘साई’ नाम सच्ची खुशी के कंपन को वहन करता है”। "उन्होंने कहा कि तुम अपने जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करते हो, चलो इसमें 'साई' जोड़कर देखते हैं - और देखो! आज मैं यहाँ हूँ।"
 
शिला उनके लिए एक अनमोल उपहार भी लाईं जो उनके अस्तित्व की आधारशिला बन गया।  साई भावुक होकर कहते हैं, "संगीत मेरा हृदय है और मुझे शांति देता है"। बचपन में उन्हें नृत्य करना बहुत पसंद था, लेकिन प्रदर्शन के दौरान उनके कई फ्रैक्चर हो गए और डॉक्टरों ने उन्हें किसी अन्य शौक के लिए नृत्य छोड़ने की सलाह दी। उनके माता-पिता ने उन्हें शिला के संरक्षण में संगीत सीखने के लिए प्रोत्साहित किया, जो खुद एक प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायिका हैं। साई ने कई पुरस्कार जीते, एक तरह से बाल प्रतिभा बन गए। अगर उनकी शारीरिक सीमाएं  न होतीं तो वे रियेलिटी शो में भाग ले सकते थे। वे कहते हैं, "संगीत ने मेरी आत्मा को उन सभी शारीरिक और मानसिक यातनाओं से मुक्ति दिलाई, जिनसे मुझे गुजरना पड़ा"। "संगीत वो पासवर्ड है जो मुझे ईश्वर से जोड़ता है।"
 
साई अपने जीवन के "अंधेरे दौर" - 2009-2015 तक, जब उनकी शारीरिक और मानसिक समस्याओं ने उन्हें बिस्तर पर सीमित कर दिया था - के बारे में खुलकर बात करते हैं। वे कहते हैं, "उन छह सालों में मैंने अपने जीवन का उद्देश्य खोजने पर काम किया और मेरी आध्यात्मिकता ने मुझे मज़बूत बनाया।" "मैंने भावनात्मक वेलबीइंग के बारे में बात करना शुरू किया और खुश रहने पर ध्यान केंद्रित किया। अपने जीवन के लिए हम खुद ज़िम्मेदार हैं। चमत्कार तभी होते हैं जब हम उन्हें बनाते हैं।" साई की चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने के दृढ़ संकल्प और साहस की भावना ने उनके दुख पर काबू पा लिया। उन्होंने कंप्यूटर में डिप्लोमा प्राप्त किया, अपनी एक उंगली से माउस चलाकर एक स्व-शिक्षित डिज़ाइनर बन गए, एक एनजीओ के लिए काम करना शुरू कर दिया और उन्हें फ्रीलांसिंग के अवसर मिलने लगे। आज वे एक आईटी कंपनी के लिए एक वरिष्ठ ग्राफिक डिज़ानर के रूप में काम करते हैं।
 
वे कहते हैं, "मेरी व्हीलचेयर ने मुझे नया जीवन दिया।" "लोग कहते हैं कि साई दुनिया को प्रेरित करते हैं। लेकिन जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो मैं खुद को व्हीलचेयर पर अकेला नहीं देखता, मैं अपने साथ तीन लोगों को देखता हूँ। मेरा परिवार मेरे जीवन का असली देवदूत, मेरी जीवन रेखा, मेरी प्रेरणा है। मेरी सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ संभव नहीं होतीं अगर उन्होंने मेरी भलाई के लिए अपने जीवन का बलिदान न दिया होता।" उनके छोटे भाई कुशल (25) ने एमबीए किया है और एक आईटी कंपनी में काम करते हैं। वे कहते हैं, "हम एक-दूसरे के लिए भाग्यशाली हैं।" "उन्होंने मुझे मेरी ताकत पहचानने और अलग सोचने में मदद की। वे एक फिल्म निर्माता भी हैं और विविधता और समावेशन के बारे में बहुत भावुक हैं।" इस घनिष्ठ परिवार में प्यार के अलावा एक और चीज है जो साझा है। उन सभी के पास डॉक्टरेट की डिग्री है! चारों शोध में लगे हुए हैं: साई समावेश और खुशी पर, कुशल सामाजिक भलाई के लिए प्रौद्योगिकी पर, शिला आध्यात्मिकता के साथ तनाव मुक्त जीवन पर और कौशिक ललित कला के क्षेत्र में हैं।
 
हर बार जब साई बेंगलुरु आते थे, तो वे अधिक से अधिक विकलांग व्यक्तियों (PwDs) से बातचीत करते थे और OI के बारे में अधिक जानकारी लेते थे। 2022 में उनका परिवार बेंगलुरु आ गया और साई ने अपनी समस्याओं की जड़ का पता लगाने के लिए कई तरह के परीक्षण करवाए। जब उन्हें पता चला कि उन्हें OI नहीं है, तो ज़ाहिर तौर पर उनका पहला रिएक्शन गुस्सा था। वे कहते हैं, "पिछले 34 सालों से मुझे इस तरह जीने के लिए मज़बूर करने वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स को शर्म आनी चाहिए।" "हो सकता है कि मेरी हड्डियों में कोई कमी रही हो जिसकी वजह से फ्रैक्चर हुआ हो।" उनका परिवार भी हैरान था, लेकिन उन्होंने साई को बदला लेने से रोका। उन्होंने पूछा, "आप कोर्ट में केस कर सकते हैं, लेकिन क्या इससे आप ठीक हो जाएंगे?"
 
साई इसे एक नई शुरुआत मानते हैं। वे कहते हैं, " 2025 में मैं गलत डायग्नोज़ वाली विकलांगताओं के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करना चाहता हूँ।" "मैं सुलभ हवाई यात्रा पर काम करना जारी रखूँगा। मैं सिस्टम को बेहतर बनाने और विकलांग व्यक्तियों के लिए जीवन को अधिक सुलभ बनाने के लिए अधिकारियों के साथ और अधिक काम करना चाहता हूँ।"


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विक्की रॉय