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"मुझे बेकार बैठना पसंद नहीं है। मुझे कुछ करते रहना पसंद है और मैं हमेशा योगदान करने के तरीकों की तलाश करती हूँ"

डॉल्फ़ी जीन लिंगडोह एक ऐसी इंसान हैं जिन्हें सफाई का कीड़ा है। मेघालय के शिलांग में उनका घर पुरानी कहावत का एक ठोस उदाहरण है "सभी चीजों की अपनी जगह और सभी चीज़ें अपनी जगह पर"। वे अलमारी और शोकेस के समान को व्यवस्थित करती रहती हैं, और रसोई के सभी बर्तनों का अपना नियत स्थान होता है। सूखे कपड़ों को इसी तरह तह और व्यवस्थित करना है, और फटे कपड़े या टूटे बटन या खराब ज़िप को तुरंत ठीक करना है।

एक बौद्धिक अक्षमता के साथ, डॉल्फ़ी ने क्रिश्चियन अकादमी में पाँचवीं कक्षा तक पढ़ाई की, जिसने एक अपनाने और स्वागत करने वाला वातावरण प्रदान किया। वे अपनी पसंदीदा मिस एलिस रिनथियांग सहित अपने सभी पुराने टीचरों को प्यार से याद करती हैं। स्वभाव से मिलनसार, उनके कई दोस्त थे जिनके साथ वे स्टापू, रस्सी कूदने से लेकर बास्केटबॉल तक सब कुछ खेलती थी, और एक ही सांस में उनके नाम गिना डालती हैं, "ब्रायन, माइकल, ब्रेंडा, नेम्फर, रिडेम, हीदर, मिरेकल, इवानमी ..."

अब उनके कार्यदिवस बेथानी सोसाइटी में सुबह 9.30 बजे शुरू होते हैं, जो एक पंजीकृत धर्मार्थ संस्था है और विकलांग व्यक्तियों के लिये अवसर प्रदान करती है। वर्तमान में वे कला और शिल्प इकाई में हैं (पहले वे सिलाई और केन क्राफ्ट में शामिल थीं) जहाँ वे कागज की हाथों से बनने वाली चीज़ें जैसे फोटो फ्रेम बनाती हैं और कौशल में दूसरों को भी प्रशिक्षित करती है। वे बताती हैं, "हम जो भी चीजें बनाते हैं, चाहे वो ग्रीटिंग कार्ड हों, या टॉयलेट रोल के अंदर लगे कार्डबोर्ड से पेन-होल्डर हों, हम सामग्री को रीसायकल और पुन: उपयोग करने का प्रयास करते हैं"। दिन के एक बजे वे और अन्य ट्रेनी अपने लंच ब्रेक का आनंद लेते हैं ("हम हमेशा एक दूसरे के साथ खाना बाँट कर खाते हैं!") और काम दोपहर 3 बजे तक चलता है।

रविवार हमेशा से 'पारिवारिक समय' रहा है। स्टीवेन्सन, डॉल्फ़ी, वेंडी, रोनी, जोवी और लिज़ैन अपने माता-पिता के साथ मज़बूत रिश्ते में बंधे हैं। (खासी मातृवंशीय परंपरा का पालन करते हुये भाई-बहन अपनी माँ का उपनाम लिंगडोह अपनाते हैं।) उनके माता-पिता दोनों सरकारी कर्मचारी थे - उनके पिता बिक्रीकर विभाग में और माँ लोक निर्माण में थीं।

अपने बचपन के दौरान भाई-बहन लुका-छिपी, 'दुकानदार', क्रिकेट, कैरम - जिसमें डॉल्फ़ी एक्सपर्ट हैं - जैसे खेल खेलते थे और बैडमिंटन, जिसे वे अभी भी खेलते हैं। शिलांग एक छोटा सा शहर था, और कई मायनों में अभी भी है, जहाँ बिना हड़बड़ी वाला जीवन, शुद्ध हवा और हरे-भरे पहाड़ों के लुभावने दृश्य हैं। रविवार को चर्च की सेवा के बाद उनके चाचा और चाची उन्हें और उनके चचेरे भाइयों को एक लंबी ड्राइव पर ले जाते थे या एक खुले मैदान में फुटबॉल खेलते थे। या फिर वे अपने दादा-दादी से मिलने जाते और विस्तारित परिवार भोजन, चाय के कई दौर और बहुत हँसी के लिये इकट्ठा होता। डॉल्फ़ी ने इन सभी गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, और जब वे बाहर होते तो भाई-बहन हमेशा अपनी कोंगियड (बड़ी बहन के लिये खासी सम्बोधन) पर नज़र रखते थे।

उनकी माँ के अप्रत्याशित निधन ने घरेलू सौहार्द की इस तस्वीर अंधेरा कर दिया। लिज़ैन उस समय किंडरगार्टन में थी और जोवी उस समय मुश्किल से 10 साल की थी। उनके पिता उन्हें संभालने वाले बन गये, और स्टीवेन्सन और वेंडी ने डॉल्फ़ी और तीन छोटे भाई-बहनों के लिये माता-पिता की भूमिकाएँ - खाना बनाना, उनका टिफ़िन पैक करना और स्कूल या ट्यूशन के बाद उन्हें लेना – निभाईं। जब डॉल्फ़ी को मेडिकल चेक-अप के लिये ले जाने या उनके दांतों की देखभाल या दवाएं खाने में उनकी मदद करने की बात आई, तो भाई-बहनों ने धीरे-धीरे अपने पिता से इन जिम्मेदारियों को अपने ऊपर ले लिया क्योंकि वे बड़े हो गये थे।

परिवार ने काम का एक सरल और सहज बंटवारा किया है; काम समान रूप से साझा किये जाते हैं और प्रत्येक सदस्य घर चलाने में अपनी भूमिका निभाता है। शिलांग संगीत प्रेमियों का शहर है और यह परिवार कोई अपवाद नहीं है, उनकी पसंदीदा शैली क्लासिक रॉक है। वे मूल रूप से घर पर रहना पसंद हैं जो पूरा परिवार साथ बैठकर टीवी में - फुल हाउस, मास्टरशेफ, अमेरिकन आइडल, प्रिटी लिटिल लायर्स और माइंड योर लैंग्वेज - जैसे शो देखते हैं या तेज संगीत चलाकर साथ बैठकर बातें करते हैं।

डॉल्फ़ी को घर पर ऑर्गेंडी फूल और हाथ से बने गहनों जैसे शिल्प बनाने में मज़ा आता है। उनकी पसंदीदा फिल्मों में होम अलोन, बेबीज़ डे आउट और साउंड ऑफ़ म्यूज़िक शामिल हैं और वे क्रिसमस-थीम वाली, विशेष रूप से हॉलमार्क फिल्में देखने से कभी नहीं थकतीं। उनके संगीत की पसंद एबा,  बीटल्स, स्मोकी, बी जीस और शनाया ट्वेन तक है। वे इंजील संगीत से प्यार करती है और आम तौर पर पूजा बैंड हिल्सॉन्ग यूनाइटेड और इसी तरह की प्लेलिस्ट सुनती है। उनका पसंदीदा खाना?  वे कहती है, "मुझे पोर्क चाउ बहुत पसंद है!" मोमोज, फ्राइ चावल, अंडे के रोल और आमलेट भी उनकी सूची में हैं और वे जंक फूड उन्हें बहुत ललचाता है।

डॉल्फ़ी का एक लक्ष्य है - वंचितों की मदद करना।  वह कहती हैं, " मदद करना मेरे स्वभाव में है।" "मुझे अनाथालयों में जाना और भोजन और कपड़े देना चाहूंगी।" यह सुनकर लगता है एक युवा महिला है जो न केवल अपने परिवार में बल्कि अपने आसपास की दुनिया में रोशनी फैलाने के लिये पैदा हुई है!

तस्वीरें:

विक्की रॉय