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“मुझे पढ़ाई में इतनी दिलचस्पी नहीं है; मैं एक अभिनेत्री और गायिका बनना चाहती हूँ"

लेह, लद्दाख से रिज़वाना सलाम (22) बेरोक हैं। यहाँ तक कि बोलते समय अस्पष्ट उच्चारण होने के बाद भी उनके शब्द उत्साह की धारा में बह जाते हैं: “आप मेरा इंटरव्यू कब करने वाले हो? ओह, मैंने सोचा आज। क्या मुझे कल तक इंतजार करना होगा? क्या हम इसे अभी नहीं कर सकते?" और फिर, अगले दिन (हमें यह पूछने के लिये फोन करने के बाद कि हमने उन्हें अभी तक क्यों नहीं बुलाया!) वो चिल्लाती हैं: "मैं फैशन शो में भाग लेना चाहती हूँ। मैं एक्टिंग कर सकती हूँ और गा सकती हूँ। मैं इंस्टाग्राम पर हूँ। क्या आपने मेरी रीलें देखी हैं?”

यदि आपको रिज़वाना की तरह डायस्टोनिक सेरेब्रल पाल्सी है, तो आपको अपनी मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन और हरकतों को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। लेकिन यह कैसे करना है, रिज़वाना ने सीख लिया है। लद्दाख स्थित रेवा (REWA) सोसाइटी, एक गैर सरकारी संगठन जो एक जर्मन गैर-लाभकारी लद्दाख-हिल्फ़ के साथ काम करता है, ने 2009 से उनके जीवन में शिक्षा और चिकित्सा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिज़वाना अपने वीडियो रिकॉर्ड करने से पहले अपना मेकअप और हेयर स्टाइलिंग खुद करती हैं – उनके इंस्टाग्राम हैंडल @riswanasalam पर 500 से अधिक रीलों में जहाँ वो लोकप्रिय बॉलीवुड गानों और डायलॉग्स के साथ लिप सिंक करती हैं। फैशन मॉडलिंग के अलावा उनकी महत्वाकांक्षाएं पेशेवर रूप से गाने और एक्टिंग करने की हैं।

रिज़वाना चार महीने की थी जब उनके माता-पिता अब्दुल सलाम, जो सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में काम करते हैं, और तसलीमा परवीन को पता चला कि उनकी बच्ची के साथ कुछ गड़बड़ है। उन्हें जम्मू के एक डॉक्टर से डायग्नोसिस मिला और उन्हें स्थिति को समझने में थोड़ा समय लगा। तसलीमा कहती हैं, "वो पाँच साल की थी जब उसने आखिरकार बात करना और समझना शुरू किया कि हमने क्या कहा।" कभी भी लगातार स्कूल नहीं जा पाने के कारण, रिज़वाना ने अभी-अभी अपनी कक्षा 7 की परीक्षा पूरी की है। हालाँकि वह 10वीं कक्षा को समाप्त करने का इरादा रखती है, वह हँसते हुये कहती हैं, "लेकिन पढ़ाई में मेरी उतनी दिलचस्पी नहीं है।" उनकी बड़ी बहन फरहाना नई दिल्ली में कार्य करती हैं।

इस मिलनसार युवती के लिये, स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ उसे "बहुत मज़ा" आता है। फिजियोथैरेपी और औपचारिक पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को सेल्फ केयर सिखाया जाता है। आज रिज़वाना व्यक्तिगत साफ-सफाई के लिये थोड़ी सी मदद की ज़रूरत के सिवाय अपने रोजमर्रा के अधिकांश काम स्वतंत्र रूप से संभाल सकती हैं; यहाँ तक कि अपनी माँ के लिये सब्जियां भी काटती हैं। रेवा (REWA) ने उन्हें व्हीलचेयर भी मुहैया कराई है। तसलीमा अपनी बेटी द्वारा की गई प्रगति के बारे में बड़े गर्व के साथ बात करती हैं। वो अपनी पीठ, हाथ और पैरों को मज़बूत करने के लिये घर पर कसरत करने में रिज़वाना की मदद भी करती हैं। ठंड के कारण उनके शरीर में अकड़न आ जाती है। तसलीमा कहती हैं, ''यह साल का लगभग वो समय है जब हम बुखारी (कमरे का लकड़ी से जलने वाला पारंपरिक हीटर) जलाते हैं।

कोविड -19 महामारी अपने साथ अलग-अलग संकट लेकर आई। उनके डॉक्टर ने उन्हें मेडिकल मदद के लिये जम्मू जाने से मना किया क्योंकि वो संक्रमण के लिये अतिसंवेदनशील थीं। तसलीमा कहती हैं कि उन्हें उनसे मिले हुये दो साल हो चुके हैं और अब वह बैंगलोर में हैं। रिज़वाना को फॉलोअप चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई है।

अगर कोई एक चीज है जो माँ और बेटी दोनों को परेशान करती है, तो वो यह है कि लोग यह बोलकर आश्चर्य जताते हैं कि, "उसने अपने पहले जन्म में क्या गलत किया है कि वह अब इस तरह से पीड़ित है?" रिज़वाना उन्हें एक मुहतोड़ जवाब देती हैं। "जब लोग ऐसी बातें कहते हैं तो मैं उनके मुँह पर कहती हूँ 'तुम्हें क्या तकलीफ है?' पहले मुझे बुरा लगता था या मेरे अंदर गुस्सा भर जाता था। फिर मेरे पिताजी ने मुझे ऐसे लोगों को सीधा जवाब देना सिखाया। यहाँ तक कि रेवा (REWA) में भी हमें सिखाया जाता है कि जब लोग हमसे ऐसी बातें कहें तो घबराएं नहीं।” और उनके मनोबल का स्वाद लेने के बाद, हमें यकीन है कि कोई भी उनके साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत नहीं करेगा!


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विक्की रॉय