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"मुझे अपनी बहनों को मेहंदी लगाना और उनका मेकअप करना पसंद है, लेकिन मैं यह भी चाहती हूँ कि मैं भी उनकी तरह पढ़ी-लिखी होती और नौकरी करती"

सबरीन सबा भले ही कुछ ही शब्द बोलती हों, लेकिन वे अपने कार्यों के माध्यम से बात करती हैं। छत्तीसगढ़ की यह 24 वर्षीय लड़की कला और शिल्प के साथ बहुत सहज है - उसे हथेलियों को मेहंदी से सजाने, कपड़ों को कढ़ाई से जीवंत करने, स्वादिष्ट व्यंजन पकाने और अपनी बहनों को श्रृंगार से सजाने में खुशी मिलती है। उनकी माँ, सईदा बानो (46) हमें बताती हैं, "जब भी हम किसी अवसर पर बाहर जाते हैं, सबरीन हम सभी को खूब सजाती है।"

सबरीन का जन्म मोटर-वाइंडिंग का काम करने वाले इलेक्ट्रीशियन सैफुद्दीन (55) और सईदा बानो के घर बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ था। वो चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं: उनके भाई फैज़ अहमद (27) और बहनें समन सबा (23) और मंतशा सबा (20) है। दो साल की उम्र में, जब सबरीन अपनी उम्र के बच्चों की तरह बड़बड़ाती नहीं थी, तो उनके माता-पिता चिंतित हो गये। तीन साल की उम्र में दौरा पड़ने के बाद, उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ BERA श्रवण परीक्षण से उस बात की पुष्टि हो गई जिसका परिवार को डर था - सबरीन को जन्मजात श्रवण हानि थी।

सईदा कहती हैं, "शुरुआती साल बहुत कठिन थे क्योंकि सबरीन और मुझे मेरे ससुराल वालों से ज्यादा समर्थन नहीं मिला।" फैज़ कहते हैं, "शायद, क्योंकि उन्हें विकलांगता और इसका मतलब क्या है, इसके बारे में पता नहीं था।" आज, वे सैफुद्दीन के भाई-बहनों और उनके परिवारों के साथ एक संयुक्त घर साझा करते हैं, सईदा खुशी से आगे कहती है कि “अब, हर कोई हमारी मदद करता है।”
 
सबरीन को जस्टिस तन्खा मेमोरियल स्कूल फॉर स्पेशल चिल्ड्रन में अपने सहपाठियों में अच्छे दोस्त मिले, जहाँ उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की। वे अपने दोस्तों से सांकेतिक भाषा में बातचीत करती हैं। उनका परिवार बुनियादी संकेत जानता है और उनके साथ बातचीत करने के लिये मोबाइल पर फोटो जैसे देखे जा सक्ने वाले सहायक उपकरण इस्तेमाल करता है।
 
15 साल की उम्र में सबरीन को लगातार खांसी की शिकायत रहती थी। रक्त परीक्षण से तपेदिक का पता चला, लेकिन उनके अंतर्निहित एनीमिया का भी पता चला - एक ऐसी स्थिति जिसने उनके दाहिने हाथ को कमज़ोर बना दिया था, हालाँकि उनका बायां हाथ इस कमी की भरपाई कर देता था।
 
सबरीन अब अपनी कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं के बीच के ब्रेक वर्ष के दौरान, तिफरा गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल फॉर द ब्लाइंड एंड डेफ में सिलाई में डिप्लोमा कोर्स के साथ सिलाई के प्रति अपने प्यार को निखार रही हैं। सईदा हमें बताती है, "उसे कक्षाएं शुरू किये केवल एक महीना ही हुआ है, और वह पहले से ही हमसे कपड़े के थैले बनाने के लिये पुराने कपड़े मांगती रहती है।"
 
सईदा कहती हैं, ''कभी-कभार वे अपनी बहनों से अपनी तुलना करके दुखी हो जाती हैं।'' वे चाहती हैं कि वे भी उनकी तरह एक पढ़ी-लिखी कामकाजी महिला बने। वो एक उम्मीद के साथ कहती हैं, “मैं पढ़ना चाहती हूँ, मैं काम करना चाहती हूँ। मैं किसी दिन शिक्षिका बनना चाहती हूँ।” समन और मंतशा दोनों ने बीएससी (बायोटेक्नोलॉजी) किया है। समन, जो अभी अपने बी.एड. पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में हैं, स्कूल या कॉलेज में रसायन विज्ञान की शिक्षिका बनना चाहती हैं। मंतशा का लक्ष्य अपने विषय को आगे बढ़ाते हुये बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट-ग्रेजुएशन और पीएचडी करना है। इस बीच, फ़ैज़ ने कॉमर्स एंड लॉ में ग्रेजुएशन पूरी कर ली है और अब बिलासपुर कोर्ट में वकील बनने के लिये अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

सबरीन को अपने शिक्षक, मनोज जांगड़े से प्रेरणा मिलती है, जो जन विकास परिषद एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक भी हैं। उन्हें पढ़ाने के अलावा, उन्होंने और उनकी पत्नी ने सबरीन और उसके परिवार को सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों से जोड़कर भी उदारतापूर्वक समर्थन दिया है, जिसमें उन्हें विक्की रॉय से मिलवाना भी शामिल है।
 
जब सबरीन काम नहीं कर रही होतीं या पढ़ाई नहीं कर रही होतीं, तो उन्हें टीवी देखना पसंद है और वे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की प्रशंसक हैं। एक बार, जब वे चैनल-सर्फिंग कर रही थीं, तो उन्होंने दक्षिण भारत की फिल्मों की खोज की और उनकी ओर आकर्षित हो गईं। अब वे उन्हें बड़े चाव से देखती हैं, खासकर तमिल और एक्शन से भरपूर फिल्में। कार्टून फिल्में एक और पसंदीदा चीज़ हैं। वे अपने बड़े परिवार के साथ बिलासपुर के आसपास की जगहों पर पिकनिक पर जाना पसंद करती हैं। परिवार के पास पाँच पालतू तोते हैं जिन्हें सबरीन दिन भर खाना खिलाती हैं। जैसे ही वे घर में इधर-उधर फड़फड़ाते हैं, वो उन्हें पकड़ना और उनके साथ खेलना पसंद करती हैं। खाना पकाना उनका एक और शौक है और परिवार उनके व्हाइट सॉस पास्ता का स्वाद लेता है।
 
सबरीन अपने जन्मदिन समारोह का बेसब्री से इंतजार करती हैं। उनके परिवार के पास इसे भूलने का कोई बहाना नहीं है, क्योंकि दो महीने पहले से ही वो कैलेंडर पर बार-बार तारीख दिखाकर सभी को याद दिलाना शुरू कर देती हैं! समन कहती हैं, ''हम कभी-कभी उसके लिये कोई सरप्राइज प्लान करने की कोशिश करते हैं।'' "भले ही उसे पहले से अनुमान हो कि हम कुछ करने वाले हैं, वह ऐसा दिखावा करती है जैसे उसे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था।"
 
सबरीन अपनी माँ से कहती रहती हैं, ''मुझे भी अपने दोस्तों की तरह वीडियो देखने के लिये एक मोबाइल फोन चाहिये।'' सईदा ने उसे आश्वासन देती हैं, "सही समय आने पर, सबरीन।"


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विक्की रॉय