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"मेरी इंद्रियां की बढ़ी हुई शक्ति मुझे विभिन्न ध्वनियों, गंधों और स्पर्श के माध्यम से एक सुखद दुनिया का अनुभव करने में मदद करती हैं"

लुडी छछाई (25) सी. बीसा और जे. नगोवा की चौथी संतान थी, जो मिजोरम के लुंगबुन गाँव में एक छोटे से खेत में काम करते थे। मारा-भाषी जनजाति के सदस्य (मारा एक कुकी-चिन भाषा है), वे सब्जियां उगाते थे, छोटे से तालाब में मछलियां पालते थे, और अपने बच्चों - लुडी, उनकी सबसे बड़ी बहन रोज़मेरी, बड़े भाई अल्बर्ट और डेविड और छोटे बहन रोजलिन - की ज़रूरतों को पूरा करने में कामयाब रहे।

जब लूडी तीन साल की थी तब उनकी आँख के कैंसर का पता चला था। दोनों आँखों की पुतलियां निकालनी पड़ीं। बीसा और नगोवा को दु:ख का लकवा मार गया। लंबे समय तक वे अपनी दिनचर्या में वापस नहीं आ सके और उन्होंने चर्च जाना भी बंद कर दिया। लुडी कहती हैं, ''आज तक मेरी माँ जो मेरे साथ जो हुआ, उसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पायीं हैं।'' दूसरी ओर, लुडी ने अपने वातावरण में रहने के लिये अपनी स्वाभाविक रूप से अन्य इंद्रियों को नियोजित करना सीख लिया। (बहुत बाद में उन्होंने आँखों की कृत्रिम पुतलियां लगाई।)

जब लुडी छह साल की हुई तो उनकी माँ ने उन्हें आइजोल के डर्टलांग में स्पेशल ब्लाइंड स्कूल में एक हॉस्टल वासी के रूप में भर्ती कराया। नगोवा ने लूडी को अच्छी शिक्षा देने के लिये दृढ़ संकल्प किया था और बातें बनाने वालों पर कोई ध्यान नहीं दिया, जो दबी आवाज़ में कहते थे, ओह, उसने अपनी अंधी बेटी से छुटकारा पाने का एक तरीका ढूंढ लिया है। शुरुआत में लुडी की बेरहमी से रैगिंग की गई क्योंकि वह मारा-भाषा बोलती थी और बाकी सभी लोग मिज़ो-भाषा बोलते थे। उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और मिज़ो-भाषा में पारंगत हो गई जिसके बाद उन्हें समूह में स्वीकार कर लिया गया। वह कहती हैं, "मेरी प्रिंसिपल और मेरी 'मैम' मेरे लिये मेरे दूसरे पिता और माँ की तरह थीं।“
 
2008 में परिवार सियाहा जिले में चला गया (जिसे मारालैंड कहा जाता है क्योंकि वहाँ मारा-भाषा बोली जाती है) और एक छोटा व्यवसाय शुरू किया - कपड़े और स्थानीय पोशाक बेचने वाली एक दुकान। इस बीच लुडी स्कूल में अच्छा कर रही थीं, हर विषय में डिस्टिंक्शन पा रही थी और ब्रेल लिपि में कहानियाँ लिख रही थीं। लेकिन जब उन्होंने 'भयानक किशोरावस्था' में कदम रखा तो वे ऐसे डिप्रेशन में चली गई कि उन्होंने कक्षा 8 में स्कूल छोड़ दिया और एक साल तक घर पर रहीं। उन्होंने भगवान से पूछा, "आपने मुझे ऐसा क्यों बनाया?" फिर उन्होंने अपनी स्थिति को स्वीकार करने का फैसला किया। वह लिखती हैं, "मैं दृढ़ता से मानती हूँ कि स्वीकार करना जीवन के मुख्य समाधानों में से एक है"। "बस वास्तविकता को स्वीकार करें और बाधाओं को चुनौतियों में बदल दें।" वास्तव में उन्होंने हमें बताया कि वे अपने अंधेपन के बारे में चुटकुले भी सुनाती थीं, जो उनके परिवार को इतना पसंद नहीं था!

लुडी कक्षा 9 में वापस गईं और नेत्रहीन खेलों में शामिल होना शुरू कर दिया, अमृतसर में एक मीट में लंबी कूद और भाला फेंका, और बाद में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में पदक जीते। उन्होंने 2014 में कक्षा 10 और कक्षा 12 को मुख्यधारा के डर्टलांग हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरा किया। दिसंबर 2016 में उन्होंने इंडियन ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक स्पोर्ट्स मीट में भाग लिया। गवर्नमेंट हरंगबाना कॉलेज उनका अल्मा मेटर था; उन्होंने कॉलेज पत्रिका के लिये एक लेख लिखा और 2019 में उन्होंने बी.ए. ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। जून 2022 में उन्होंने स्टेट सेंटर फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग से बी.एड (दृश्य हानि में विशेषज्ञता के साथ) पूरा किया।
 
लुडी को गाना पसंद है और वे गिटार और कीबोर्ड भी बजा लेती हैं; उन्होंने गायन प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। वे ऐसे स्टाइलिश कपड़े पहनना पसंद करती हैं जो उन्हें अच्छी तरह से फिट हों; वह कपड़ा चुनती हैं, अपने दोस्तों से रंगों के बारे में पूछती हैं, और कपड़ों को खुद डिज़ाइन करती हैं। नेत्रहीनों के लिये एक ऑनलाइन सौंदर्य प्रतियोगिता प्रिंसेस इंडिया मिजोरम 2022 में फैशनेबल लुडी दूसरी उपविजेता रही।

चूंकि वे स्वतंत्र रूप से जीने में काफी सक्षम हैं ("मुझे खाना बनाना पसंद है और मैं शाकाहारी बनने की कोशिश कर रही हूँ") वे मनोविज्ञान और परामर्श में परास्नातक के लिये अमरीका में वाशिंगटन एडवेंटिस्ट विश्वविद्यालय जाने की तैयारी कर रही हैं। उनका लक्ष्य दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाना है। इन वर्षों में परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है: रोज़मेरी और अल्बर्ट शादीशुदा और संपन्न हैं, रोज़लिन दुबई में काम कर रही है और डेविड ने बैंकिंग में जाने के इरादे से आइजोल में आईसीएफएआई विश्वविद्यालय से एमए अर्थशास्त्र किया है।

लुडी अपने सुंदर काले टोमकैट टिनटिन से प्यार करती हैं। वो हमें बताती हैं, "वो मेरा पीछा करता है"। "वोह मुझसे 'बात' करता है, मुझे बताने के लिये छोटी-छोटी आवाजें करता रहता है, कि  सुनो, मैं यहाँ हूँ, तुम्हारे पीछे आ रहा हूँ! उसका साथ देना मेरे जीवन की अनमोल चीजों में से एक है।"
 

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विक्की रॉय