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“मुझे मेरा पसंदीदा सीरियल देखने से कोई नहीं रोक सकता! मुझे डांस करना और ढोलक बजाना पसंद है”

रोज़मर्रा एक आम दिन में, अंजलि कुमारी सुबह 7.30 बजे उठ जाती हैं और फिर वे नाश्ते की इन-चार्ज होती हैं। वे सभी को परोसती हैं और सबसे आखिर में खुद खाना खाती हैं। वो और उनकी सबसे छोटी बहन, कविता, सभी भाई-बहनों की तरह, काम-काज को लेकर आम तौर पर झगड़ती रहती हैं। "यह करने की आपकी बारी है।" "नहीं, यह तुम्हारा काम है!" हालाँकि सबसे बड़ी बेटी की विशेष ज़रूरतें हैं, फिर भी उसके साथ उसकी तीन छोटी बहनों से किसी भी तरह से अलग व्यवहार नहीं किया जाता है।
 
 
जब अंजलि का जन्म हुआ, तो उनके माता-पिता, हरि स्वरूप और मीना कुमारी, उनके विकास में देरी के बारे में चिंतित नहीं थे। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा का यह जोड़ा व्यस्त था क्योंकि उसके पीछे तीन और लड़कियाँ भी थीं। मीना कुमारी, एक गृहिणी, कहती हैं कि उनकी सबसे बड़ा संतान ने पाँच साल की उम्र में रेंगना शुरू किया और वो शायद ही कभी बोलती थी; और जब उसने बोलना शुरू भी किया, तो साफ नहीं बोलती थी। असल में, वो  और राज्य परिवहन बस चालक हरि स्वरूप, जो अब रिटायर हो चुके हैं, ने अपने पहले बच्चे के लिए इलाज़ पर ध्यान नहीं दिया।
 
अंजलि का जीवन तब बदला जब पड़ोस की एक अन्य माँ ने उनके माता-पिता को ग्रामीण विकास के लिए चिन्मय संगठन, जिसे तपोवन के नाम से जाना जाता है, के बारे में बताया। यहाँ, अपने जीवन में पहली बार, उनका इलाज़ हुआ। मीना कुमारी अपने छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर हर दिन अपनी सबसे बड़ी बेटी को इलाज के लिए ले जाती थीं। उन्होंने देखा कि अंजलि जैसे और भी बच्चे हैं और उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को डाउन सिंड्रोम है। (वह अभी भी नाम का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाती हैं और उस अतिरिक्त गुणसूत्र के बारे में नहीं जानती है जो इस स्थिति का कारण बनता है।)
 
2002 में, अंजलि को एक सरकारी स्कूल में भर्ती कराया गया जहाँ वो कक्षा 5 तक पढ़ने में सफल रहीं। लेकिन टीचर उसकी ओर ध्यान नहीं देते थे। एक दिन उसे प्यास लगी और जब उसने देखा कि स्कूल में पानी नहीं है, तो वो अपनी प्यास बुझाने के लिए लगभग एक मील तक भटकती रही। तब नाराज़ मीना कुमारी ने संबंधित टीचर से बात की, तो टीचर ने कहा कि और बच्चों की भी देखभाल करनी होती है। मीना कुमारी ने तुरंत अपनी बेटी को स्कूल से निकाल लिया।
 
इस बीच, अंजलि तपोवन में फल-फूल रही थी। फिजियोथेरेपी ने उन्हें जीवन में पहली बार अपने आप चलने में मदद की। उसे बुनियादी पढ़ना, लिखना और गिनती सिखाई गई, और वो  खेल, सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों में भाग ले रही थीं। उन्होंने एक नए जुनून की खोज की जो उनके लायक था: बोके, बाउल्स के समान एक गेंद का खेल। वो इसमें इतनी अच्छी थीं कि उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया लेकिन वज़न बढ़ने के कारण अब उन्होंने इसे छोड़ दिया है।
 
अंजलि की तीनों बहनें हमेशा उनके साथ बहुत अच्छी रही हैं। ज्योति (28) शादीशुदा हैं और दो बच्चों की माँ हैं है जबकि कविता (20) कॉलेज में है। हालाँकि, वो निधि (26) हैं जिनके अंजलि सबसे करीब हैं। निधि भी शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा है - चीकू (5)।  अंजलि अपने भतीजे से बहुत प्यार करती हैं, और यह देखते हुए कि निधि का वैवाहिक घर सिर्फ 10 या 12 किमी दूर है, वे  अक्सर वहाँ आती रहती हैं। निधि की सास भी अंजलि को बहुत पसंद करती हैं। जब निधि फसल के मौसम में व्यस्त हो जाती है, तो अंजलि चीकू की देखभाल करने के लिए उनके घर जाती हैं।
 
अब 30 साल की अंजलि घर का सारा काम जैसे सफाई, कपड़े धोना और खाना बनाना संभालती है। वो खास तौर से खाना बनाना पसंद करती हैं और चिकन व्यंजन उनकी कमज़ोरी है। वो बुनाई भी करती हैं, नृत्य करना पसंद करती है और हाल ही में उन्हें ढोलक बजाने का शौक हो गया है। परिवार मुर्गियां पालता है और अंजलि उनकी देखभाल में भी मदद करती हैं।
 
अपने खाली समय में, वो फोन पर या टीवी पर अपना पसंदीदा सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ देखती हैं और अगर उन्हें ऐसा करने से रोका जाता है तो वह परेशान हो जाती हैं। जब से कविता ने उन्हें वीडियो डाउनलोड करना सिखाया, अंजलि नेट रिचार्ज वाले किसी भी फोन को हथिया लेती हैं!
 
कविता का कहना है कि अंजलि उनके लिए दूसरी माँ की तरह हैं। उन्हें अपनी बहन की स्थिति के बारे में मिडिल स्कूल में ही पता चला। उन्हें बुरा लगता है जब लोग उनकी बहन को घूरते हैं या उस पर हंसते हैं। मीना की यही भावनाएं हैं। हालाँकि, हरि अधिक शांत स्वभाव के हैं। “ईश्वर ने हमें जो भी दिया है, हमें स्वीकार करना चाहिए। जो होगा देखा जाएगा।”
 
 
सभी माँओं की तरह मीना कुमारी को भी माता-पिता के चले जाने के बाद अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित रहती हैं। वो अंजलि को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना चाहती हैं ताकि उसके भाई-बहन उसकी देखभाल कर सकें।


तस्वीरें:

विक्की रॉय