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"जीवन में कभी भी किसी चीज को ना मत कहो। उसे आज़माओ और देखो वो काम करता है या नहीं"

मोरमुगाओ तालुक, गोवा के मोइसेस रोड्रिग्स (36) हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जहाँ वे रहते हैं, वहाँ से हर वीकएंड टेबल टेनिस का अभ्यास करने के लिये अपने दोस्त रुकी अहमद के घर जाते हैं। वे दोनों व्हीलचेयर इस्तेमाल करते हैं और कभी-कभी उनके दोस्त लॉयड भी उनके साथ जुड़ जाते हैं। इन्हीं सत्रों में से एक के दौरान फोटोग्राफर विक्की रॉय ने मोइसेस को पकड़ा और उनकी तस्वीरें लेने में पूरा दिन बिताया।

जब हमने मोइसेस से उनके नाम की अनूठी वर्तनी (स्पेलिंग) के बारे में पूछा तो उन्होंने हँसते हुये जवाब दिया कि ये उन्हें उनके पिता मारियानो ने दिया था और उन्होंने शायद इसे स्थानीय तरीके से उच्चारित किया था। मारियानो लुइज़िन्हो रॉड्रिक्स एक शिपयार्ड कंपनी में वेल्डर थे। जब उनकी मृत्यु हुई, तब मोइसेस लगभग सात साल के थे और उनकी माँ आशा, बहन और खुद उनके लिये जीवन एक संघर्ष बन गया था। दोनों बच्चों को एक प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में जाना पड़ा और आशा ने घरों में काम करना शुरू कर दिया। उनकी कमाई, विधवा पेंशन, और घर के एक हिस्से के किराए - जिसे उन्होंने किराए पर दे दिया था – उससे उन्होंने अपना गुजारा किया। उनकी बहन को सातवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी और काम भी शुरू करना पड़ा। शुरू में मोइसेस ने कैलीपर्स का इस्तेमाल किया लेकिन जब बड़े होने पर उन्हें बदलने का समय आया, तो उन्हें पता चला कि वो बहुत महंगे हैं और उन्होंने सहारे के लिये छड़ी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

मोइसेस, जो वास्को डी गामा के न्यू वड्डेम गाँव में पैदा हुये थे, जब उनके माता-पिता उन्हें ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) दिलाने के लिये ले गये थे तब उनकी उम्र सिर्फ एक साल से कुछ ज़्यादा थी। ऐसा लगता है कि पिलाईं जाने वाली बूंदों ने उन्हें पोलियो दिया, जो "वैक्सीन से जुड़े लकवाग्रस्त पोलियोमाइलाइटिस" अत्यंत दुर्लभ मामलों में से एक है। (ओपीवी एक जीवित पोलियोवायरस का उपयोग करता है जबकि आईपीवी निष्क्रिय का उपयोग करता है और यह सुई द्वारा दिया जाने वाला टीका है।)
 
स्कूल में उन्हें अपने दोस्तों के साथ खेलने और स्कूल पिकनिक पर जाने को नहीं मिला। चूंकि स्कूल घर से केवल आधा किलोमीटर दूर था, वे वहाँ चलकर जा सकते थे लेकिन कॉलेज की बात कुछ और थी। हाई स्कूल के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और दो साल तक कुछ नहीं किया। हालाँकि वे सिर्फ एक किशोर थे, लेकिन उन्हें लगा कि परिवार की आय में हाथ बँटाना चाहिये। उन्होंने 2000 रुपयों के मासिक वेतन पर एक जनरल स्टोर में काम करना शुरू किया। फिर उन्होंने एक बार और रेस्तरां में एक रसोइया के सहायक के रूप में - बर्तन धोने, मछली और सब्जियां साफ करने और काटने और कभी-कभी टेबल लगाने का काम किया; उन्होंने उन्हें केवल खाना दिया कोई वेतन नहीं दिया। बार के मालिक की सोडा बोतल की फैक्ट्री थी तो उसने उन्हें वहाँ इस्तेमाल की गई सोडा की बोतलें धोने के काम पर रख लिया।

तब तक मोइसेस ने अपने लिये विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया था, जो उन्हें एक मुफ्त बस पास का हकदार बनाता था। काम की तलाश में उन्होंने 20 किमी दूर वर्ना इंडस्ट्रियल एस्टेट में जाने का फैसला किया। उन्हें एक कंपनी के पैकिंग विभाग में नौकरी मिल गई और उन्हें असेंबली लाइन में रखा गया। कंपनी, जो सात महीने के लिये बड़े पैमाने पर लोगों को काम पर रखती थी और अंत में केवल कुछ को ही रखती, उसने उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया। जब उन्होंने मोरमुगाओ नगर परिषद में सरकारी नौकरी के लिये आवेदन किया था तब वे 23 साल के थे। एक पत्र जमा करने और हर दूसरे दिन "सर" से मिलने के बाद आखिरकार उन्हें एक स्टाफ सदस्य, जो बीमारी की छुट्टी पर थे, उनके स्थान पर वाचनालय (रीडिंग रूम) में एक अस्थायी नौकरी मिल गई।  

जब मोइसेस एक सरकारी अस्पताल में मुफ्त कैलिपर लेने के लिये गये, तो उन्होंने उन्हें यह कहते हुये वापस कर दिया कि वैसे भी वे बाहरी सहायता के बिना चलने में सक्षम हैं। इसलिये उन्होंने 20,000 रुपयों में एक पुराना स्कूटर खरीदा लेकिन जब उन्होंने अपने एक आंशिक रूप से काम कर रहे पैर के साथ स्कूटर चलाने की कोशिश की तो वे नीचे गिर गये। वो यह पूछने के लिये शोरूम गये कि क्या वे इसे अनुकूलित कर सकते हैं और उन्होंने उन्हें साइड व्हील अटैचमेंट के बारे में बताया। उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर से उसे मंगाने का ऑर्डर दिया और वो एक महीने के बाद डिलीवर किया गया।

चार साल की तपस्या के बाद, 2010 में आखिरकार उन्हें परिषद में 'वर्कर' श्रेणी में एक स्थायी नौकरी मिल गई। वे कहते हैं, "यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल था"।  या फिर दूसरा? क्योंकि 2015 में उन्होंने स्टेफी डिसूजा से शादी की! 11 साल से वे ग्राउंड फ्लोर पर स्टोर और मेंटेनेंस सेक्शन में क्लर्क का कार्य कर रहे हैं - वर्कर्स का रिकॉर्ड रखना, उपस्थिति रजिस्टर में उनका नाम लिखना और उनकी छुट्टी को चिह्नित करना। वो ज़ाहिर करते हैं, "मैं अपने जीवन से खुश और संतुष्ट हूँ"। अपने खाली समय में वो इनडोर गेम्स, संगीत और फिल्मों का आनंद लेते हैं।

जब मोइसेस गोवा के डिसएबिलिटी राइट्स एसोसिएशन (DRAG) के सदस्य बने तो खेलों ने उनके एक और पहलू को बाहर निकाला। 2018 में उन्होंने व्हीलचेयर बास्केटबॉल के लिये जागरूकता शिविर और ट्रेनिंग में भाग लिया और 2019 में उन्होंने पैरा टेबल टेनिस (टीटी) कोचिंग कैंप और टूर्नामेंट में भाग लिया। अक्टूबर 2021 में उन्होंने जिला स्तरीय टूर्नामेंट में व्हीलचेयर टीटी में रजत पदक जीता।
 
DRAG के एक सदस्य के रूप में मोइसेस विकलांग व्यक्तियों के बीच पैरा खेलों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं और चाहते हैं कि उनमें से अधिकांश को प्रोत्साहित किया जाये और खेलों को अपनाने में सहायता की जाये।

तस्वीरें:

विक्की रॉय